हादसे का बड़ा असर – देहरादून में बादल फटने से 13 की मौत, 400 लोग सुरक्षित जगह भेजे गए
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बादल फटने से 13 की मौत हो गई। यह घटना अचानक हुई और लोगों को संभलने का समय नहीं मिला। कई इलाकों में पानी और मलबे का सैलाब उतर आया। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी खराब हैं।
कैसे हुआ हादसा
घटना देर रात की बताई जा रही है। पहाड़ी इलाके में बादल फटने के बाद अचानक तेज बारिश और पानी का बहाव बढ़ गया। निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए और कुछ पूरी तरह बह गए।
मौत और लापता लोगों की संख्या
अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार तलाश कर रही हैं। गांव के लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में जुटे हैं।
राहत और बचाव अभियान
प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। 400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। सेना, पुलिस और मेडिकल टीमें भी राहत में शामिल हुईं। हेलीकॉप्टर से भी रेस्क्यू की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का हाल
ग्रामीण इलाकों में लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं। कई परिवारों का सबकुछ मलबे में दब गया। लोग खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे हैं। पीने के पानी और खाने की समस्या बढ़ गई है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे तक और बारिश हो सकती है। प्रशासन ने यात्रा टालने और नदियों-नालों से दूर रहने की अपील की है। लगातार निगरानी रखी जा रही है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया। एनडीआरएफ की 4 टीमें तैनात की गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। राहत कैंप बनाए गए हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में बादल फटना सामान्य घटना है। लेकिन आबादी वाले क्षेत्रों में इसका असर बहुत बड़ा होता है। जलवायु परिवर्तन और अनियोजित निर्माण भी जोखिम बढ़ाते हैं।
भविष्य की चिंता
स्थानीय लोग डर में हैं कि कहीं बारिश का नया दौर और तबाही न लाए। बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने की चुनौती सबसे बड़ी है। राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्रशासन लगातार काम कर रहा है।
निष्कर्ष
देहरादून में बादल फटने से 13 की मौत की खबर ने पूरे उत्तराखंड को हिला दिया है। कई लोग अभी भी लापता हैं। 400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है। प्रशासन और सेना मिलकर राहत कार्य कर रहे हैं। मौसम विभाग का अलर्ट स्थिति को और गंभीर बना रहा है। जरूरत है कि लोग सतर्क रहें और प्रशासन की सलाह का पालन करें।